न समर्थन, न विरोध || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2014)

2019-11-28 2

वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
३० नवम्बर २०१४,
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

दोहा:
साधु ऐसा चाहिए, दुखै दुखावे नाहि|
पान फूल छेड़े नहीं, बसै बगीचा माहि|| (संत कबीर)

प्रसंग:
जीवन में हल्कापन कैसे लाएं?
जीवन सुलझा हुआ कैसे बनाएं?
जीवन में सहजता का आभास कैसे हो?
जिंदगी ऊब सा क्यों मालूम पड़ता है?

संगीत: मिलिंद दाते